कैलाश सत्यार्थी की आत्मकथा ‘दियासलाई’
(Kailash Satyarthi's autobiography 'Diyaslaai')
✅ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA), संस्कृति मंत्रालय के तहत, सत्यार्थी मूवमेंट फॉर ग्लोबल कंपैशन के सहयोग से “दियासलाई” पर एक साहित्यिक चर्चा का आयोजन किया। यह पुस्तक नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलेश सत्यार्थी की आत्मकथा है, जो सामाजिक न्याय, बाल अधिकारों और वैश्विक करुणा पर केंद्रित है।
✅ यह आत्मकथा 186 देशों तक पहुंचे “ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर” आंदोलन, बच्चों की शिक्षा और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष, और समाज में करुणा के महत्व को उजागर करती है।
✅ वर्ष 2014 में कैलाश सत्यार्थी एवं मलाला युसुफजई को बाल शिक्षा के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिये संयुक्त रूप से शांति के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
✅ बचपन बचाओ आंदोलन बाल अधिकारों के संघर्ष करने वाला देश का सबसे लंबा आंदोलन है। इसकी शुरुआत वर्ष 1980 में की गई थी। यह ‘विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’ 12 जून के दिन ‘बाल पंचायत’ का आयोजन करता है।
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